राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में क्या अंतर है?

राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में क्या अंतर है? – भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था और तब से हर साल भारत मे 15 अगस्त को आजादी का जश्न मानाया जाता है। बता दे की स्वतंत्रता दिवस वाले दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर हमारे राष्ट्रीय ध्वज को यानि तिरंगे को फहराते हैं और उसके बाद राष्ट्रगान गाया जाता है। राष्ट्रगान के आलावा राष्ट्रगीत में भी कई मौको पर गाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में क्या अंतर है? अगर नही तो चलिए आज हम आपको बता ते है राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में क्या अंतर होता है।

राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में अंतर।

DIFFERENCE BETWEEN  NATIONAL SONG AND NATIONAL ANTHEM

राष्ट्रगान NATIONAL ANTHEM !!

आपको बता दे की राष्ट्रगान को रबिन्द्रनाथ टैगोर  ने लिखा था और संविधान सभा ने जन-गण-मन को 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान  के रूप में स्वीकार किया था। बता दे की राष्ट्रगान को पहली बार साल 1911 में कोलकाता में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में गाया गया था।
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राष्ट्रगान देश के इतिहास, सभ्यता, संस्कृति और उसके लोगों के बारे में बताता है।  राष्ट्रगान को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है। राष्ट्रगान को गाने और बजाने को लेकर कई नियम कानून है और अगर इन नियमों का पालन नही किया जाता है तो जेल और जुर्माना हो सकते है।

राष्ट्रगीत NATIONAL SONG!!

वंदे मातरम भारत का राष्ट्रगीत है। बता दे की वंदे मातरम के रचयिता बंकिम चन्द्र चटर्जी थे। वंदे मातरम बंगाली भाषा के उपन्यास आनंदमठ में लिखी कविता थी। वंदे मातरम स्वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत था ओर लोगों को आपस में बांधे रखता था।  बता दे की इसे भारत के राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ के बराबर का ही दर्जा प्राप्त है। 1896 में पहली बार कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में यह गीत गाया गया। 24 जनवरी, 1950 को वंदे मातरम को राष्ट्रगीत का दर्जा दिया गया।
बता दे की वंदे मातरम को लेकर कोई नियम या कानून नहीं है इसे आप कही भी कैसे भी गा सकते हैं।
तो अब आप समझ गए होंगे की राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में क्या अंतर है । अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो शेयर जरूर करे।

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