EMI क्या है ? इसे कैसे निकाला जाता है ?

EMI क्या है ? इसे कैसे निकाला जाता है ? – दोस्तों आजकल का समय मंहगाई का समय है और एक मध्यमवर्ग के व्यक्ति के लिए बाजार से कोई भी इलेक्ट्रोनिक प्रोडक्ट हो, कार हो, बाइक हो या फिर बच्चो कि शिक्षा, या फिर मकान बनवाना हो और भी अन्य कई वस्तुएँ इनको खरीदने के लिए उसके पास नगद धनराशि या पैसा नहीं होता है लेकिन ईएमआई या मासिक किस्त सुविधा द्वारा उपभोक्ता इस प्रोडक्ट को अपनी सुविधानुसार खरीद सकते है बस उसे कुछ अधिक पैसे ब्याज के साथ चुकाने होते हैं।

EMI क्या है ? इसे कैसे निकाला जाता है ?
EMI क्या है ? इसे कैसे निकाला जाता है ?

यानि उपभोक्ता को वस्तु की वास्तविक कीमत  में से शुरू में कुछ डाउन पैमेण्ट का भुगतान करना होता है और बाकी पैसे को हर महीने (ब्याज सहित) बराबर भागों में बांट दिया जाता है और इस प्रकार उपभोक्ता को हर महीने की एक निश्चित तारीख को भुगतान कंपनी या बैंक को करना होता  है जिसे EMI कहा जाता है जिससे उसके ऊपर कोई आर्थिक बोझ भी नहीं रहता है साथ ही कंपनी का प्रोडक्ट भी मार्केट में बिक जाता है इसी सुविधा को ईएमआई से जाना जाता है। हाँ इन किस्तों में उपभोक्ता को प्रोडक्ट के ऊपर थोड़ा ब्याज के पैसा भी कंपनी को देना होता है।
वर्तमान में ई एम आई की यह सुविधा बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा प्रदान की जा रही है।

EMI Full Form In Hindi

EMI Full Form –  “Equated Monthly Installment” या सामान्य बोलचाल की भाषा में ‘‘समान मासिक किस्त’’

ऑनलाइन EMI  भुगतान कैसे करते हैं-

EMI के भुगतान के लिए संस्था या बैंक द्वारा आपसे साइन किए हुए चैक लिये जाते हैं या आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल हर महीने की ई एम आई का भुगतान के लिए किया जाता है। इसके अलावा आपने जहाँ से लोन लिया है उस संस्था या बैंक द्वारा तो आप स्वयं हर महीने वहाँ जाकर पैसे का भुगतान कर सकते हैं या फिर उनका कोई अधिकृत व्यक्ति या एजेंट आपसे वो पैसा आपके पास आकर ले सकता है।

चलिये EMI  को इस उदाहरण द्वारा समझते हैं – किसी व्यक्ति को बिजनेस के लिए  1 लाख रूपए की आवश्यकता है  इसके लिए उसने  1 लाख का बिजनेस लोन 13.50% की ब्याज दर पर लिया। और लोन चुकाने का कुल  समय 2 साल तय किया । तो उसे  हर महीने 4778/- EMI के रुप में जमा करना होगा। यानी 2 साल में आपके द्वारा जो रकम जमा कि जाएगी वह होगी- 1 लाख 30 हजार रुपये।
EMI की गणना एवं आकलन के लिए आप Online EMI Calculator, emicalculator.net जैसी साइट्स को अपने मोबाइल या कम्प्यूटर में ओपन करके पूरी जानकारी ले सकते हैं। आप पर्सनल लोन, होम लोन या कार लोन के लिए अपनी EMI राशि पर पहुंचने के लिए एक EMI  कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं जो बड़ी कंपनियों द्वारा अपनी बेवसाइट्स पर उपलब्ध कराया जाता हैं जहाँ पर आपको कुछ जानकारी फीड करना होती है।

लोन के लिए EMI की गणना हेतु आवश्यक बिंदु –

(1) लोन की राशि (Loan Amount Rs.) –  आप जितनी राशि का लोन चाहते हैं वो राशि दर्ज करें।
(2) ब्याज दर (Interest Rate P.A.) –  यहाँ आपको बैंक की ब्याज दर भरना होगी।
(3) समय वर्ष में (Years) – आपको जितने समय का लोन चाहिए वो समय भरना है
इस प्रकार सभी जानकारी कॉलम में भरकर अपनी EMI जान सकते हैं।

आप इस सूत्र की सहायता से भी अपनी  EMI को जान सकते है – 
EMI = p × r × (1 + r)n  /
[(1 + r)n – 1]

Here, यहाँ 
P = loan amount लोन की धनराशी
r = rate of interest  ब्याज दर
n = loan tenure in months ऋण की अवधि (महीनो में)

EMI (ई एम आई) के फायदे और नुकसान –

ई एम आई (EMI) द्वारा एक सामान्य व्यक्ति अपने जरूरत की वो वस्तुएँ भी खरीद सकता है जिन्हें उसके लिए पूरा कैश पेमेन्ट देकर खरीदना संभव नहीं है।ई एम आई चुकाने के लिए वह अपनी सुविधानुसार समय सीमा तय कर सकता है। लेकिन ध्यान रखें लोन चुकाने की अवधि जितनी ज्यादा रखेंगे आपको ब्याज के रूप में उतना ही अधिक भुगतान संस्था या बैंक को भुगतान करना होगा।

Q.1 ई एम आई का फुल फॉर्म क्या है ?

Ans. “Equated Monthly Installment” .

Q.2 ईएमआई को हिंदी में क्या कहते हैं ?

Ans. सामान्य बोलचाल की भाषा में ‘‘समान मासिक किस्त’’.

Q.3 होम लोन में कितना पर्सेंट ब्याज लगता है ?

Ans. हर बैंक के होम लोन में अंतर होता है। SBI home loan interest rate - 6.70%.

Q.4 ई एम आई अच्छा है बुरा ?

Ans. ये आप अपनी सुविधानुसार तय कर सकते है लेकिन इस प्रोसेस में आपको वस्तु की वास्तविक कीमत से अधिक पैसा खर्च करना पड़ता है जहाँ तक हो इससे बचना चाहिए.

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