भारत चीन की तरह सस्ते स्मार्टफोन क्यों नही बना पता?

एक सवाल लगभग आप सभी के मन में आया होगा की भारत में चीन की तरह सस्ते स्मार्टफोन क्यों नही बनते है, क्या भारत में स्मार्टफोन सिर्फ असेम्बल (Assemble) होते है, भारतीय मोबाइल कंपनी चीन से सामान क्यों मंगवाती है और चीन के स्मार्टफोन इतने सस्ते क्यों होते है. इस तरह के न जाने कितने सवाल हमारे मन में आते है, तो चलिये जानते है इन सभी सवालों के जवाब….

भारत चीन की तरह सस्ते स्मार्टफोन क्यों नही बना पता?
भारत चीन की तरह सस्ते स्मार्टफोन क्यों नही बना पता?

आज के समय मे भारतीय स्मार्टफोन कंपनियों के लिए अपना अस्तिस्व बनाये रखना बेहद मुश्किल हो गया है. जैसे माइक्रोमैक्स, लावा, स्पाइस आदि. एक समय था जब इन कंपनियों के स्मार्टफोन की मार्किट में डिमांड थी लेकिन अब इन कंपनियों के नए स्मार्टफोन तक लांच नही हो रहे।

भारतीय स्मार्टफोन कंपनी पूरा स्मार्टफोन खुद क्यों नही बनाती है यानि की वो स्मार्टफोन के पार्ट जैसे की चिपसेट, डिस्प्ले ये सब विदेशों से क्यों मंगवाती है।

स्मार्टफोन के हर पार्ट को बनाने का प्लांट लगना बेहद खर्चीला होता है जबकि इन्हें असेम्बल करना सस्ता पड़ता है, यानि की स्मार्टफोन के पार्ट्स का प्लांट लगाने की बजाय इन्हें दूसरे देशों से मंगवाना ज्यादा आसान और सस्ता होता है. हम जितने भी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते है वो लगभग सभी असेम्बल किये हुए होते है और इनके पार्ट्स अलग अलग कंपनियां बनाती है, और किसी प्रोडक्ट को असेम्बल करना कोई गलत बात नही है।

इसके अलावा आपको बता दे की भारतीय स्मार्टफोन कंपनी स्मार्टफोन के सारे पार्ट्स चीन से नही मंगवाता है और सभी पार्ट्स चीन में नही बनते है, अगर भारतीय कंपनी पूरा का पूरा स्मार्टफोन भारत में ही बनाये तो ऐसा स्मार्टफोन कंपनी को बहुत महंगा बेचना पड़ेगा और हम भी इतने महंगे स्मार्टफोन नही खरीदेंगे।

स्मार्टफोन के कई सारे पार्ट्स चीन, जापान, साउथ कोरिया, मलेशिया, थाईलैंड या दूसरे किसी देश से आते है. लेकिन जब आपके स्मार्टफोन का कोई पार्ट ख़राब हो जाता है और आप उस कंपनी के स्मार्टफोन के पार्ट के बजाय कोई सस्ता पार्ट लगवाते है तो ये पार्ट अधिकतर चीनी होता है।

कंपनी खुद नही बनाती है सभी पार्ट्स.

जितनी भी स्मार्टफोन कपंनियां है फिर चाहे छोटी कंपनी हो या बड़ी कंपनी हो वो स्मार्टफोन के सारे पार्ट्स खुद नही बनाती है, जैसे की सैमसंग जो की साउथ कोरिया की कंपनी है वो एमोलेड (Amoled) डिस्प्ले बनाती है, पहले ये डिस्प्ले चीन में बनते थे लेकिन अब ये कही और बनते है, कंपनी ये नही बताती है ये पार्ट्स कहा बनती है. सैमसंग कंपनी डिस्प्ले, रैम, कैमरा सेंसर और बैटरी भी बनाती है और एप्पल के जो फ़ोन होते है उनमे डिस्प्ले और बैटरी सैमसंग की होती है और जब एप्पल का कोई फ़ोन बिकता है तो सैमसंग को भी प्रॉफिट होता है.

क्या भारत में स्मार्टफोन सिर्फ असेम्बल होते है?

अधिकतर लोगों को यही लगता है कि भारत में सिर्फ मोबाइल असेम्बल होते है, लेकिन आपको बता दूं कि मोबाइल के कई पार्ट भारत में भी बनते है जैसे की PCB, पहले PCB ( printed circuit board ) भारत में नही बनती थी, लेकिन अब लगभग हर कंपनी PCB खुद बनाती है, लेकिन उस PCB के कंपोनेंट्स बाहर से आते है.

भारत में मोबाइल के चिपसेट और डिस्प्ले क्यों नही बनते है?

चिपसेट यानि की प्रोसेसर क्या होता है और ये क्या काम करता है ये तो आप जानते ही होंगे, कुछ सालों से भारत में स्मार्टफोन मैन्यूफैक्चर यूनिट की संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन एक चीज जाे अब भी भारत में नहीं बनती वह है स्मार्टफोन में लगने वाला चिपसेट यानी प्रोसेसर. बता दे की आज भी चिपसेट चीन और ताईवान से बनकर आता है और भारत में मोबाइल में उसे बस असेंबल किया जाता है।

भारत में चिपसेट यानि की प्रोसेसर क्यों नहीं बनता, तो आपको बता दे की प्रोसेसर बनाने के लिए ऐसी लैब की जरूरत होती है, जिसमें धूल और मिट्टी का एक भी कण न पहुंच पाएं और अधिकतर ऐसी लैब अंडरग्राउंड बनी होती हैं. इस तरह के सेटअप को बनाने में काफी समय लगता है और अभी भारत में ऐसा कोई सैटअप मौजूद नहीं है. इनके अलावा चिपसेट के लिए भारत में रॉ मटेरियल बहुत महंगा पड़ता है साथ ही DI WATER की भी जरूरत होती ह. कुल मिलाकर कहा जाये तो भारत में चिपसेट बनाने के लिए संसाधन उपलब्ध नही है. यही कारण है कि चिपसेट बाहर से आते हैं और भारत में चिपसेट के बनने में अभी लंबा समय लग सकता है.

कोई भी कंपनी अपने स्मार्टफोन के लिए सभी पार्ट बनाये ऐसा अभी मुमकिन नही है और इसी वजह से कंपनिया सिर्फ Assemble करने का प्लांट लगाती है. आपकी जानकारी के लिए बता दे की कोई भी ऐसा देश नही है जहाँ पूरा फ़ोन बनता हो, पूरा फ़ोन किसी भी देश में नही बनता है यहां तक की अमेरिका और चीन में भी नही. अगर अमेरिका का फ़ोन देखेंगे तो उसके पीछे भी लिखा होता है Designed by Apple in California और Assembled in China. मतलब एप्पल के जो आईफोन होते है उन्हें डिजाइन कैलिफ़ोर्निया में किया गया है और अससेम्बल चीन में किया गया है.

चीन दुनिया के सबसे ज्यादा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग करने वाले देशों में है और एक स्मार्टफोन बनाने के लिए जिन जिन संसाधनों की जरूरत होती है वो चीन में उपलब्ध है, आपको जानकार हैरानी होगी की एक स्मार्टफोन बनाने में जिन 17 संसाधनों की जरूरत पड़ती है उनमें से 16 चीन की जमीन पर पाए जाते है. साथ ही चाइना की लेबर का सस्ती है, ये कुछ कारण जिनकी वजह से चीन के फ़ोन सस्ते होते है.

तो आशा करते है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा…

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